चीन के मुख्य अखबार ग्लोबल टाइम्स में पाकिस्तान के राजदूत का लेख छपा है. इस लेख में पाकिस्तानी राजदूत ने चीन से जम्मू-कश्मीर में तत्काल जरूरी कार्रवाई करने की गुहार लगाई है.
इंटर नेशनल कोर्ट में कश्मीर मामले पर मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने चीन से गुहार लगाई है. चीन के मुख्य अखबार ग्लोबल टाइम्स में पाकिस्तान के राजदूत मोइन-उल-हक ने एक लेख के जरिए जम्मू-कश्मीर का राग अलापा है. ग्लोबल टाइम्स के साथ साक्षात्कार में, चीन में पाकिस्तानी राजदूत मोइ- उल-हक ने भारत से अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के एक साल बाद कश्मीरी लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए वैश्विक कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
मामले सामने आने के बाद भारतीय राजदूत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है. भारतीय राजदूत की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों की दुहाई देने वाले पाकिस्तानी राजदूत मोइन-उल-हक को पहले अपने अंदर झांककर देख लेना चाहिए कि कैसे पाकिस्तानी सेना अपने कब्जे वाले इलाकों में बेगुनाह लोगों को परेशान करती है.
अनुच्छेद 370 हटाना भारत का अंदरूनी मामला
पाकिस्तानी राजदूत मोइन-उल-हक को जवाब देते हुए भारतीय राजदूत की ओर से कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया जाना भारत का अंदरूनी मामला है. इस मामले में पाकिस्तान समेत दुनिया के किसी भी देश को इसमें दखल देने का अधिकार प्राप्त नहीं है. भारतीय राजदूत ने कहा, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किए एक साल शांतिपूर्ण तरीके से बीत चुके हैं. ऐसे में मोइन-उल-हक की बेचैनी अप्रत्याशित नहीं है. जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों की प्रभावी संरक्षा के लिए भारत का यह कदम जरूरी था. उन्होंने कहा कि इससे राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर और मौकों में बढ़ोतरी हुई है.
जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के एक साल पूरे हो चुके हैं. इन एक साल के वक्त में जम्मू कश्मीर में कोई भी बड़ी आतंकी घटना नहीं हुई है. पाकिस्तानी सेना भी आतंकियों की घुसपैठ कराने में नाकाम साबित हो रही है. ऐसे में पाकिस्तान की ओर से बौखलाहट का आलम तेज हो रहा है.