कुंभकरणी नींद में सो रहे जिम्मेदार जनप्रतिनिधि व विभागीय कर्मचारी
औरैया। बेला क्षेत्र के अंतर्गत विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से बेला में व्याप्त गंदगी व जलभराव से महामारी का खतरा उत्तपन्न हो गया है। इसके बावजूद जिम्मेदार जनप्रतिनिधि व विभागीय कर्मचारी कुंभकरणी नींद में सो रहे हैं।
गंदगी व जलभराव का संकट झेल रहे बेला कस्बे में जलनिकासी की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। यहां मुख्य मार्गों पर पीडब्ल्यूडी निर्माणाधीन जल निकास नाले नौ दिन चले अढाई कोस की कहावत चरितार्थ कर रहा है। जिसके कारण व्यापारियों का व्यापार चौपट है और जलनिकसी बाधित है।
इसी तरह कस्बे के मुख्य मार्गों व आबादी के अंदर भी जलभराव है। कस्बे के मुख्य चौराहे व कानपुर रोड पर सड़क पर मौजूद बड़े बड़े गड्ढे काफी अर्से से हादसों को दावत दे रहे हैं। इसी तरह बेला कस्बे व ग्रामों में जलनिकासी का साधन न होने से जलभराव है। सबसे ज्यादा बेला कस्बे के अंतर्गत बाबा ओमप्रकाश दास के मंदिर से अंदर गली मोहल्ले के हालात खराब है। इस मोहल्ले में जलनिकास का कोई साधन सुलभ नहीं है। मोहल्ले में भीषण जलभराव व गंदगी व्याप्त है। मोहल्ले वालों ने बताया कि वह कई बार शिकायत कर चुके हैं पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की है। मोहल्ले वालों में डब्बू मिश्रा, कल्लू तिवारी, विनोद पांडेय, दुर्गा प्रसाद आदि ने बताया कि उनके मोहल्ले में सालों से जलनिकास की समस्या बरकरार है। गन्दगी से उठती बदबू से नाक में दम है फिर भी कोई सुनने देखने वाला नहीं है।