अयोध्या में राम मंदिर : वर्षों तक अदालत में मामला चलने के बाद आज अयोध्या में राम मंदिर की नींव पड़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विधिवत भूमि पूजन के बाद मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी. अब राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा. इसे साढ़े तीन साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो खुद को सौभाग्यशाली समझते हैं कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इतने बड़े कार्य और राम मंदिर के शुभ भूमि पूजन के लिए उन्हें चुना. करोड़ों लोगों को इस बात का विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि वो अपने जीते-जी इस कार्य को शुरु होते हुए देख रहे हैं. राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है और आज पूरा भारत राममय हो गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन से पहले राम मंदिर का पोस्टल स्टैंप जारी किया और उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ ने कर्नाटक से भेजी गई लकड़ी की श्री राम की प्रतिमा भेंट की.
PM ने कहा- 'आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए. इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं.'
प्रधानमंत्री ने कहा-'यहां आने से पहले, मैंने हनुमानगढ़ी का दर्शन किया. राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं. राम के आदर्शों की कलियुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी भी हनुमान जी की ही है. हनुमान जी के आशीर्वाद से श्री राममंदिर भूमि पूजन का ये आयोजन शुरू हुआ है.'
मोदी ने कहा- 'श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा, हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा, और ये मंदिर करोड़ों-करोड़ लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा.' इस मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की सिर्फ भव्यता ही नहीं बढ़ेगी, इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र भी बदल जाएगा. यहां हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे. पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे, पूरी दुनिया प्रभु राम और माता जानकी का दर्शन करने आएगी
PM ने कहा- 'राममंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया राष्ट्र को जोडऩे का उपक्रम है. ये महोत्सव है- विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का. नर को नारायण से जोड़ने का. लोक को आस्था से जोड़ने का. वर्तमान को अतीत से जोड़ने का. और स्वयं को संस्कार से जोडऩे का.' 'कोरोना से बनी स्थितियों के कारण भूमि पूजन का ये कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है. श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसा उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, देश ने वैसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है.' पीएम मोदी ने कहा कि इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था, जब सर्वोच्च न्यायालय ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. हमने तब भी देखा था कि कैसे सभी देशवासियों ने शांति के साथ, सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था. आज भी हम हर तरफ वही मर्यादा देख रहे हैं.
उन्होने कहा कि जो राम तुलसी और कबीर के समय से भजनों में विश्वास दे रहे हैं वहीं स्वतंत्रता आंदोलन के समय में महात्मा गांधी के वचनों में देशवासियों को शक्ति दे रहे हैं. राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था ,तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था. जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि वो खुद को सौभाग्यशाली समझते हैं कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इतने बड़े कार्य और राम मंदिर के शुभ भूमि पूजन के लिए उन्हें चुना. करोड़ों लोगों को इस बात का विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि वो अपने जीते-जी इस कार्य को शुरु होते हुए देख रहे हैं. राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है और आज पूरा भारत राममय हो गया है.
मोदी ने अपने संबोधन से पहले राम मंदिर का पोस्टल स्टैंप जारी किया और उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ ने कर्नाटक से भेजी गई लकड़ी की श्री राम की प्रतिमा भेंट की.
PM ने कहा- 'आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए. इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं.'
'यहां आने से पहले, मैंने हनुमानगढ़ी का दर्शन किया. राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं. राम के आदर्शों की कलियुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी भी हनुमान जी की ही है. हनुमान जी के आशीर्वाद से श्री राममंदिर भूमि पूजन का ये आयोजन शुरू हुआ है.' 'श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा, हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा, और ये मंदिर करोड़ों-करोड़ लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा.'
'इस मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की सिर्फ भव्यता ही नहीं बढ़ेगी, इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र भी बदल जाएगा. यहां हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे. पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे, पूरी दुनिया प्रभु राम और माता जानकी का दर्शन करने आएगी.'
'राममंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया राष्ट्र को जोडऩे का उपक्रम है. ये महोत्सव है- विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का. नर को नारायण से जोड़ने का. लोक को आस्था से जोड़ने का. वर्तमान को अतीत से जोड़ने का. और स्वयं को संस्कार से जोडऩे का.'
पीएम मोदी ने कहा कि इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था, जब सर्वोच्च न्यायालय ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. हमने तब भी देखा था कि कैसे सभी देशवासियों ने शांति के साथ, सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था. आज भी हम हर तरफ वही मर्यादा देख रहे हैं.
जो राम तुलसी और कबीर के समय से भजनों में विश्वास दे रहे हैं वहीं स्वतंत्रता आंदोलन के समय में महात्मा गांधी के वचनों में देशवासियों को शक्ति दे रहे हैं. राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था ,तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था. जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं.
'इस मंदिर के साथ सिर्फ नया इतिहास ही नहीं रचा जा रहा, बल्कि इतिहास खुद को दोहरा भी रहा है. जैसे पत्थरों पर श्रीराम लिखकर रामसेतु बनाया गया, वैसे ही घर-घर से,गांव-गांव से श्रद्धापूर्वक पूजी शिलाएं, यहां ऊर्जा का स्रोत बन गई हैं. देशभर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों,वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं, आज यहां की शक्ति बन गई हैं.'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या जिस देश में है वो है इंडोनेशिया. वहां रामायण के कई रूप देखने को मिलते हैं. वहां भी राम आराध्य के रूप में पूजे जाते हैं और लोगों की आस्था उनमें है. दुनिया के न जाने कितने छोर हैं, जहां की आस्था में और न जाने कितने रूपों में राम को लोग आराध्य मानते हैं. अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर सिर्फ हमारे लिए नहीं, पूरी मानवता को प्रेरणा देता रहेगा. क्योंकि राम तो सबके हैं, राम तो सबमें हैं.'
पीएम मोदी ने कहा- 'मुझे विश्वास है कि यहां निर्मित होने वाला राम मंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा. ये मंदिर मानवता को प्रेरणा देता रहेगा, राम सबके हैं, सबमें हैं.'
उन्होने यहाँ अपने संबोधन में कहा कि हमें आपसी प्रेम-भाईचारे के संदेश से राम मंदिर की शिलाओं को जोड़ना है, जब-जब राम को माना है विकास हुआ है जब भी हम भटके हैं विनाश हुआ है. सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है, सबके साथ से और विश्वास से ही सबका विकास करना है. कोरोना के कारण जैसे हालात हैं, राम के द्वारा दिया गया मर्यादा का रास्ता जरूरी है.
पीएम मोदी ने भाषण के आखिर में कहा कि आज सदियों का इंतजार खत्म हुआ, आज पूरा भारत भावुक है. कार्यक्रम समाप्ति के बाद पीएम अब अयोध्या से वापस लखनऊ लौटेंगे. लखनऊ से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.