यूपी के 16 जिलों में बाढ़ का कहर, खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं कई नदियां

बाढ़ की वजह से उत्‍तर प्रदेश के 16 जिलों के 536 गांवों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. जबकि सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि नदियों के जलस्तर की सतत निगरानी रखी जाये और आसपास के गांवों में पानी भरने के पूर्व ही मुनादी कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों या फिर बाढ़ शरणालयों में ले जाया जाये.


लखनऊ. उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के 536 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और कई नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही हैं. राज्य के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बुधवार को कहा, 'वर्तमान में 16 जनपदों के 536 गांवों बाढ़ से प्रभावित हैं. पलिया कलां-लखीमपुरखीरी में शारदा नदी, तुर्तीपार-बलिया में सरयू नदी , बर्डघाट-गोरखपुर में राप्ती नदी, एल्गिनब्रिज-बाराबंकी और अयोध्या में सरयू (घाघरा) नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.'




बाढ़ की स्थिति पर सरकार की नजर


इसके अलावा गोयल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति पर सरकार लगातार नजर रख रही है और फिलहाल सभी तटबंध सुरक्षित हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है और बाढ़ के संबंध में निरन्तर निगरानी की जा रही है. कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है. जबकि प्रभावित जिलों में 'तलाश एवं बचाव' के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की कुल 16 टीमें तैनाती की गयी हैं और 2728 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी हैं.

सीएम ने दिया ये आदेश
राज्य के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि बाढ़ एवं अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव एवं राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि नदियों के जलस्तर की सतत निगरानी रखी जाये और आसपास के गांवों में पानी भरने के पूर्व ही मुनादी कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों तथा बाढ़ शरणालयों में ले जाया जाये.


गोयल के अनुसार मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिया है कि बाढ़ शरणालयों में कोविड-19 के दृष्टिगत समुचित सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन किया जाये तथा भोजन आदि की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित हो. उनके अनुसार प्रदेश के समस्त बांधों पर निगरानी रखी जाये और आवश्यक मरम्मत समाग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये ताकि किसी भी प्रकार की क्षति होने से पूर्व ही उसे रोका जा सके.



बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण


संजय गोयल ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है. इस किट में 17 प्रकार की सामग्री है. इसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, पांच किलो लाई, दो किलो भूना चना, दो किलो अरहर की दाल, आधा किलो नमक, 250 ग्राम हल्दी, 250 ग्राम मिर्च, 250 ग्राम धनिया, पांच लीटर केरोसिन, एक पैकेट मोमबत्ती, एक पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, एक लीटर रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं दो नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे हैं. गोयल ने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 12,496 खाद्यान्न किट व 86,209 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है, 223 मेडिकल टीम भी लगायी गयी हैं.

पशुओं के चारे हेतु कुल 415 कुंतल भूसा वितरित


राहत आयुक्त ने बताया कि बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए राज्य में 160 बाढ़ शरणालय और तीन जिलों के 36 शरणालयों में 3,984 लोग रह रहे हैं, तो 657 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं. प्रदेश में 139 पशु शिविर स्थापित किये गये है और 5,12,591 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया है. उन्होंने बताया कि पशु के चारे हेतु कुल 415 कुंतल भूसा वितरित किया गया है. आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है. किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नंबर-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है