समस्तीपुर शहर से तीन किलोमीटर दूर एक गांव धुरलक के रहने वाले राहुल मिश्रा ने यूपीएससी परीक्षा पास की है. मिश्रा ने सिविल सेवा परीक्षा 2019 में 202वीं रैंक हासिल की है. राहुल के इस कामयाबी पर पूरे गांव में जश्न का माहौल है.
संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2019 का परिणाम जारी हो चुका है. सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम बिहार के लिए खास होता है. हर साल की तरह इस साल भी बिहार के कई छात्र-छात्राओं ने कामयाबी के झंडे गाड़े हैं. ऐसे ही एक छात्र राहुल मिश्रा हैं. समस्तीपुर शहर से तीन किलोमीटर दूर एक गांव के रहने वाले राहुल की इस कामयाबी पर पूरा गांव जश्न मना रहा है. राहुल मिश्रा ने सिविल सेवा परीक्षा 2019 में 202वीं रैंक हासिल की है. राहुल मिश्रा का यह दूसरा प्रयास था.
गांव के हर घर में राहुल मिश्रा की ही रही चर्चा
समस्तीपुर जिले से तीन किलोमीटर दूर धुरलक गांव आज-कल विशेष चर्चा का विषय बना हुआ है. इस गांव के शिक्षक बिपिन मिश्रा का बड़ा बेटा राहुल मिश्रा आईएएस बना गया है. राहुल मिश्रा के मुताबिक वह अपने पिता के सानिध्य में ही यूपीएससी की तैयारी की है. राहुल आईआईटी से इंजीनियरिंग में स्नातक हैं. युपीएससी तैयारी शुरू करने से पहले वह छह महीने तक एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी भी कर चुके हैं.
क्या कहते हैं राहुल
अपनी सफलता पर राहुल का कहना है कि इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है. इसमें उनके पिता का भी काफी सहयोग मिला है. इंटरनेट की मदद ली और इस पूरे अध्ययन के दौरान इनके पिता ने इनका भरपूर सहयोग किया. मैं चाहता था कि रैंक अच्छा मिलेगा, लेकिन थोड़ी निराशा है. हम आगे भी एक-दो प्रयास और करेंगे ताकि रैंक अच्छा मिले.
क्या कहते हैं पिता
राहुल के पिता का कहना है कि राहुल दृढ़ इच्छा शक्ति और सच्ची लगन से इस कामयाबी हो हासिल किया है. गांव के वातावरण में रहकर ही राहुल ने ये कारनामा किया है. यूपीएससी इग्जाम के लिए छात्र अक्सर बड़े-बड़े संस्थानों और शहरों में जाकर पढ़ाई करते हैं, लेकिन राहुल ने गांव से ही पढ़ाई की है.'
टॉपर बनना चाहते हैं
बता दें कि इस सफलता से राहुल की पूरे जिले में चर्चा हो रही है. राहुल मिश्रा की प्रारंभिक पढ़ाई समस्तीपुर से ही हुई है. राहुल ने वर्ष 2016 में बीएचयू से आईआईटी कंप्लीट किया और एमएनसी कंपनी में 6 महीने तक काम किया. मन में सिविल सर्विसेस की इच्छा पाले राहुल ने नौकरी छोड़ यूपीएससी की तैयारी में जुट गए. वो अपने पैतृक गांव में रहकर तैयारी शुरू किया, जहां इनके पिता ने भी काफी सहयोग दिया. पहली बार उन्हें सफलता नही मिली, लेकिन बिना हतास हुए वो लगातार तैयारी में जुटे रहे
दूसरे प्रयास में ही मिली सफलता
आखिरकार यूपीएससी की दूसरी बार परीक्षा में वह पास कर गए. राहुल के इस उपलब्धि से पूरा गांव गदगद है. राहुल के दोस्तों, उनके भाई छोटे भाई और पिता का कहना है कि वह बचपन से पढ़ने में तेज थे. उनके कठिन परिश्रम का ही ये परिणाम है. राहुल की दादी भी अपने पोते की इस सफलता पर फक्र महसूस कर रही हैं.
पिछले हफ्ते ही सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया था. यूपीएससी-2019 परीक्षा में हरियाणा के प्रदीप सिंह ने पहला स्थान हासिल किया. वहीं दूसरे स्थान पर जतिन किशोर और तीसरे स्थान पर प्रतिभा वर्मा रहीं. इस बार कुल 829 उम्मीदवारों का चयन किया गया है.