- निजीकरण के विरोध बिजली कर्मियों ने की नारेबाजी
औरैया। निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार करते हुए धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया। बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते विभाग के सभी कार्यालय बंद रहे और कामकाज भी काफी प्रभावित रहा। उधर जिला प्रशासन बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते सक्रिय रहा और पूरी तरह चौकन्ना नजर आया।
सोमवार को अपने पूर्व घोषित ऐलान के चलते बिजली कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के बैनर तले सभी बिजली कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन किया। कार्य बहिष्कार में साधारण कर्मचारी से लेकर अधीक्षण अभियंता तक सभी शामिल दिखे। कार्य बहिष्कार बिजली विभाग के निजीकरण करने के विरोध में किया जा रहा है। इसको लेकर समन्वय समिति पहले भी कई चक्र में अपना विरोध प्रदर्शन कर चुकी है और ज्ञापन भी दिए जा चुके हैं। इसके बाद सरकार की ओर से कोई राहत न दिए जाने से कर्मचारियों और अधिकारियों में नाराजगी कम नहीं हो रही है।
इसके बाद सोमवार को बिजली कर्मियों ने पूर्ण कर बहिष्कार शुरू कर दिया है। बहिष्कार करने के साथ यमुना रोड स्थित पावर हाउस परिसर में बिजली विभाग के कार्यालय के बाहर कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन कर निजीकरण के विरोध में नारेबाजी करते हुए विरोध जताया।
अधिशासी अभियंता एस एल अग्निहोत्री का कहना है कि सरकार जिस तरह से विभागीय सिस्टम का निजीकरण करने की तैयारी में लगी है, उससे सभी कर्मचारी और अधिकारी बेकार हो जाएंगे। प्राइवेट कंपनियां पूरी तरीके से मनमानी करने पर आमादा होगी। इसमें उपभोक्ताओं को भी शोषण का शिकार होना पड़ेगा। उधर बिजली कर्मचारियों की कार्य बहिष्कार और हड़ताल के चलते जिला प्रशासन पूरी तरीके से चौकन्ना नजर आया और बिजली विभाग के कार्यालयों पर राजस्व विभाग के कर्मचारियों के अलावा पुलिस का पहरा भी दिखा। जिससे किसी तरीके की झड़प आदि होने की संभावना न रहने पाए।