हाथरस कांड: मुख्यमंत्री योगी का बड़ा बयान , कहा - हमारा संकल्प, ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में बनेगा उदाहरण

इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा कि लखनऊ हाईकोर्ट का एक मजबूत और उत्साहजनक आदेश आया है.



लखनऊ. उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड को लेकर सियासत गरमाई हुई है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बड़ा बयान सामने आया है. शुक्रवार को सीएम योगी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, "उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है."इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा. योगी ने कहा कि आपकी यूपी सरकार प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्ध है. यह हमारा संकल्प है-वचन है.

दरअसल हाथरस जिले में लगातार हंगामा जारी है. लगातार जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच पुलिस ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है. किसी भी बाहरी शख्स के हाथरस में शामिल होने की इजाजत नहीं है.


इससे पहले हाथरस पीड़ित के घर जा रही निर्भया केस की वकील सीमा कुशवाहा की गांव के बाहर पुलिस बैरिकेटिंग पर एडीएम से तीखी तकरार का वीडियो सामने आया है. तनातनी के बीच सीमा कुशवाहा ने एडीएम पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बता दें पूरे गांव में सख्त पहरा है और मीडिया को भी एंट्री नहीं दी जा रही है. वहीं मामले में गठित एसआईटी टीम भी मौके पर है.

अठावले करेंगे 3 अक्टूबर को सीएम योगी से मुलाकात


उधर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे हैं. पता चला है कि हाथरस केस पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले 3 अक्टूबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे. इस दौरान रामदास अठावले मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग करेंगे. वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने मांग की है कि यूपी सरकार महिलाओं को शस्त्र लाइसेंस देने की घोषणा करें और महिलाओं द्वारा शस्त्र लाइसेंस आवेदन करने पर 10 दिन के अंदर लाइसेंस दिलाने का कार्य करें.

प्रियंका गांधी ने साधा निशाना


इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा कि लखनऊ हाईकोर्ट का एक मजबूत और उत्साहजनक आदेश आया है. पूरा देश हाथरस बलात्कार पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहा है. यूपी सरकार द्वारा उसके परिवार के साथ किए गए काले, अमानवीय और अन्यायपूर्ण व्यवहार के बीच हाई कोर्ट का आदेश आशा की किरण है.