हाथरस कांडः नेताओं और पत्रकारों पर देशद्रोह से लेकर दंगा फैलाने तक का केस, 10 बिंदुओं में जानें पूरा मामला

यूपी पुलिस ने बीते दिनों PFI के 4 संदिग्धों को दिल्ली से हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया. इनमें से 3 उत्तर प्रदेश के तो एक केरल का रहने वाला है.


हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और उसकी मौत की घटना को लेकर सियासत गर्माई हुई है. विपक्षी दल जहां इस घटना को लेकर योगी सरकार और यूपी की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रहे हैं. वहीं, राज्य सरकार घटना के पीछे विदेशी हाथ होने तक की आशंका जाहिर कर रही है. हाथरस कांड के बाद विपक्षी दलों के प्रदर्शन को लेकर यूपी पुलिस ने हाथरस समेत प्रदेश के 6 जिलों में 19 एफआईआर भी दर्ज कराई. यूपी पुलिस द्वारा दर्ज की गई इन प्राथमिकियों में दंगे भड़काने और देशद्रोह जैसे संगीन आरोप लगाए गए हैं.


हाथरस में दर्ज प्राथमिकी में रालोद नेता जयंत चौधरी और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद समेत 600 से ज्यादा लोगों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया गया है. पुलिस ने इसके अलावा हाथरस में दंगे भड़काने को लेकर बीते दिनों 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया है, जिनके संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से बताए जा रहे हैं. इन लोगों में से एक केरल का पत्रकार है, जिसका नाम सिद्दीकी बताया जा रहा है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, पीएफआई से जुड़ा होने के शक में जिस पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है, वह केरल श्रमजीवी पत्रकार संगठन (KUWJ) का सदस्य है. यही नहीं, वह संगठन का सचिव भी है. वहीं एक अन्य संदिग्ध के बारे में बताया गया है कि वह दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी का छात्र है. जामिया का छात्र यूपी के बहराइज का रहने वाला है.



हाथरस मामले में जानिए 10 बड़ी बातें 



  1. पुलिस ने बीते 5 अक्टूबर को हाथरस जिले के चंदपा थाने में 'अज्ञात लोगों' के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. इसमें जातिगत संघर्ष भड़काने, समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सरकार की छवि खराब करने की कोशिश को प्राथमिकी का आधार बनाया गया है. इन सभी अज्ञात लोगों के खिलाफ राजद्रोह (124A) का मामला भी दर्ज किया गया है.

  2. बीते रविवार की दोपहर को दर्ज की गई प्राथमिकी में IPC की 18 अन्य धाराओं और आईटी कानून की एक धारा का भी जिक्र है. सोमवार को इस बारे में लखनऊ में पुलिस के ADG (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऐसी ही प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं.

  3. एडीजी ने बताया कि हाथरस जिले के विभिन्‍न थानों में 6 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर, प्रयागराज, अयोध्‍या और लखनऊ में और 13 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. इन प्राथमिकियों में सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट का भी जिक्र है.

  4. हाथरस मामले को लेकर सियासत गर्माने के बाद पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए बीते मंगलवार को 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया. पुलिस के मुताबिक ये सभी संदिग्ध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्य हैं. पुलिस इनके पास से बरामद मोबाइल फोन, लैपटॉप और भड़काऊ साहित्य की जांच कर रही है.

  5. PFI से जुड़े जिन चार लोगों को दिल्ली से हाथरस जाते समय पुलिस ने गिरफ्तार किया, उनमें से 3 यूपी के रहने वाले हैं, जबकि एक केरल का पत्रकार है. इनमें मुजफ्फरनगर का अतीकुर्रहमान, मल्लपुरम का सिद्दीकी, बहराइच का मसूद अहमद और रामपुर का आलम शामिल है.

  6. बहराइच के रहने वाले मसूद अहमद के बारे में पुलिस का कहना है कि वह दिल्ली में स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया का छात्र है. साथ ही PFI के छात्र संगठन से पिछले 2 साल से जुड़ा हुआ है. मसूद अहमद जामिया में LLB की पढ़ाई कर रहा है.

  7. यूपी पुलिस और सरकार को आशंका है कि हाथरस कांड के बहाने राज्य को जातीय दंगों में झोंकने की साजिश की गई. जांच एजेंसियों के सूत्रों को यह जानकारी भी हाथ लगी है कि यूपी में दंगे करवाने के लिए देश-विदेश से 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की फंडिंग की गई. इसके बाद हाथरस कांड की जांच में अब SIT और CBI के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ED की भी इंट्री हो गई है.

  8. हाथरस की घटना को लेकर बवाल मचने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता के परिवार को मुआवजे का ऐलान किया, साथ ही परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत भी की. इसके बाद सरकार ने पहले SIT और बाद में CBI जांच के भी आदेश दे दिए.

  9. हाथरस कांड पर यूपी के साथ-साथ देशभर की सियासत में भूचाल मचा तो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले पर स्वतः संज्ञान ले लिया. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले पर सुनवाई हुई, जिसमें अदालत ने घटना को भयावह करार दिया. अदालत ने यूपी सरकार ने इस घटना की बाबत पूछताछ भी की.

  10. आपको बता दें कि हाथरस जिले में 14 सितंबर को 19 साल की दलित युवती के साथ कथित रूप से गैंगरेप की घटना हुई थी. इसके करीब एक पखवाड़े बाद पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया. विपक्षी दलों का आरोप है कि माता-पिता की रजामंदी के बगैर देर रात उसका पुलिस ने पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया. इसके बाद से ही हाथरस को लेकर विपक्षी दल लगातार योगी सरकार पर हमला कर रहे हैं.