Hathras Case: जांच एजेंसियों के मुताबिक, वेबसाइट के जरिए विरोध प्रदर्शन की जानकारी दी जा रही थी. इतना ही नहीं इस वेबसाइट (Website) के तार एमनेस्टी इंटरनेशनल से जुड़े होने के भी संकेत मिले हैं.
लखनऊ. हाथरस कांड मामले में योगी सरकार को भेजी गई खुफिया जांच रिपोर्ट में प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश भी रची गई थी. इसी कड़ी में योगी सरकार ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है. हाथरस के बहाने यूपी में दंगों की अंतरराष्ट्रीय साजिश के खुलासे के बाद यूपी पुलिस ने हाथरस के थाना चन्दपा में बेहद गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. इन तमाम सारे प्रयासों से वर्ग संघर्ष पैदा कर यूपी की लोक व्यवस्था छिन्न-भिन्न करने का भी एक मामला दर्ज हुआ है.
इस्लामिक देशों से फंडिंग!
जांच एजेंसियों के मुताबिक, वेबसाइट के जरिए विरोध प्रदर्शन की जानकारी दी जा रही थी. इतना ही नहीं इस वेबसाइट के तार एमनेस्टी इंटरनेशनल से जुड़े होने के भी संकेत मिले हैं. इस्लामिक देशों से फंडिंग की भी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को मिली है. वेबसाइट में फर्ज़ी आईडी से सैकड़ों लोगों को जोड़ा गया और मदद के बहाने फंडिंग भी जुटाई गई. इतना ही नहीं कुछ नामचीन लोगों के सोशल मीडिया एकाउंट का भी इस्तेमाल किया गया. वेबसाइट बनाने में पीएफआई और एसडीपीआई की भूमिका भी सामने आ रही है.
बताया जा रहा है कि पीड़ित लड़की की जीभ काटे जाने, अंग भंग करने और गैंगरेप से जुड़ी तमाम अफवाहें उड़ा कर नफरत की आग भड़काने की कोशिश की गई. वहीं अफवाह फैलाने के लिए ढेरों वेरिफाइड सोशल मीडिया अकाउंट का भी इस्तेमाल किया गया. जांच एजेसियां वेरिफाइड अकाउंट्स का ब्योरा तैयार करने में जुटी हैं.
पीएफआई और एसडीपीआई के तार भी जुड़े
वेबसाइट पर बेहद आपत्तिजनक कंटेंट मिले हैं. इस बेवसाइट ने वॉलेंटियर्स की मदद से हेट स्पीच और भड़काऊ सियासत की भी स्क्रिप्ट तैयार की थी. जांच में सामने आया है कि पीएफआई और एसडीपीआई ने इस वेबसाइट को तैयार करने में मदद की है. रविवार की देर रात जैसे ही छापेमारी शुरू हुई थी. रात को ही यह वेबसाइट बंद हो गई. मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए फेक न्यूज, फोटो शॉप तस्वीरों, अफवाहों, एडिटेड विजुअल्स का दंगे भड़काने के लिए इस्तेमाल किया गया था.
50 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ तक का लालच
उधर, हाथरस के पीड़ित परिवार को सरकार के खिलाफ भड़काने की साजिश का भी पर्दाफाश हुआ है, जिसके सबूत के तौर पर कई ऑडियो टेप पुलिस के हाथ लगे है. जांच एजेंसियों ने ऑडियो टेप का संज्ञान लेकर जांच शुरू कर दी है.