सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अब नहीं छपेंगे सरकारी कैलेंडर, डायरी और शेड्यूलर

अब विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, सरकारी कंपनियों और बैंकों द्वारा फिजिकल फॉर्मेट में कैलेंडर, डायरी, शेड्यूलर और दूसरी सामग्री की प्रिंटिंग नहीं होगी. अब यह सामग्री डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध होगी.



नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सरकारी कैलेंडर, डायरी, शेड्यूलर और इसी तरह की अन्य सामग्री की छपाई को बंद करने का फैसला किया है. मौजूदा परिस्थितियों, जिसमें दुनिया उत्पादकता के लिए बड़ी तेजी से डिजिटल साधनों को अपनाने की ओर बढ़ रही है, को देखते हुए भारत सरकार ने इस सर्वोत्तम कार्य प्रणाली को व्यवहार में लाने का फैसला लिया है. किसी भी मंत्रालय / विभाग / सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों / सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सरकार के अन्य सभी अंगों द्वारा आने वाले वर्ष में उपयोग के लिए दीवार कैलेंडर, डेस्कटॉप कैलेंडर, डायरी और ऐसी अन्य सामग्री की प्रिंटिंग की दिशा में कोई गतिविधि नहीं की जाएगी.

वित्त मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा कि दुनिया तेजी से डिजिटल तरीकों को अपना रही है और भारत सरकार ने भी बेस्ट प्रैक्टिस को अपनाने का फैसला किया है. सभी कैलेंडर, डायरी, शेड्यूलर और इसी तरह की अन्य सामग्री, जो पहले भौतिक प्रारूप में छापी जाती थी, अब मंत्रालयों / विभागों / सार्वजनिक उपक्रमों / सार्वजनिक बैंकों द्वारा डिजिटल रूप में किया जाएगा. ऐसी सभी गतिविधियां डिजिटल और ऑनलाइन होंगी.


ऐसे मामलों में नवीन तरीकों को शामिल करने की दिशा में ठोस प्रयास किया जाना है. योजना, समय-निर्धारण और पूर्वानुमान के लिए तकनीकी नवाचारों का उपयोग करना किफायती, कुशल और प्रभावी होने के लिए जाना जाता है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उनके शासन मॉडल ने हमेशा प्रौद्योगिकी को एक सहायक के रूप में देखा है. हमारे काम काज में प्रौद्योगिकी को शामिल करना उनकी दूरदर्शिता के अनुरूप है.

इसलिए सभी कैलेंडर, डायरी, अनुसूचक (शेड्यूलर) और इसी तरह की अन्य सामग्री, जो पहले भौतिक प्रारूप में छापी जाती थी, को अब डिजिटल रूप में तैयार किया जाएगा. कॉफी टेबल पुस्तकों के प्रकाशन को भी रोक दिया जाएगा और ई-पुस्तकों के उचित उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा. सभी मंत्रालयों / विभागों / सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों / सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सरकार के अन्य सभी अंगों को इसके लिए डिजिटल या ऑनलाइन तरीकों का उपयोग करने के लिए अभिनव साधनों को अपनाना है. अभिनव डिजिटल और ऑनलाइन समाधान जो भौतिक कैलेंडर या डायरी के जैसे ही परिणाम देंगे, को प्राथमिकता दी जानी है और इन्हें व्यवहार में लाना है.